कृषि (भूमि) जीवित रहेगी तो बागवानी किसान जीवित रहेगे
एक आदर्श बागवानी किसान बनने के लिये कुछ संकल्प
- सबसे पहले पेड़ की बात सुनना सीखें।
- अनुभव को गुरु स्थान मानना चाहिए।
- हमेशा स्थाई बचत नीति लागू की जाए।
- अनुभव को वैज्ञानिक दृष्टिकोण देना चाहिए।
- अच्छे आदर्श बागवानी किसान के संपर्क में हमेशा होना चाहिए।
- अनावश्यक खर्चों से बचें।
- हर काम मे स्वयं भाग लेना चाहिए।
- दूसरों को अच्छी और उचित सलाह दें।
- हमेशा याद रखें कि हमारे जैसे अन्य बागवानी किसान की पूरी अर्थव्यवस्था इसी फसल पर निर्भर करती है।
- प्रत्येक कार्य परामर्श लेकर ही करना चाहिए। हो सके तो अच्छे Agriculture consultants की सलाह लेंhttps://khetikisaani.com/vital-role-of-agriculture-consultants/
- फसल में कल का भविष्य आज लिए गए निर्णय पर निर्भर करता है। इसे न भूले।
- सोचोगे तो पावोगे, और धुंडोगे तो मिलेगा इस तरह अगर सोचेंगे और काम करेंगे तो आगे बढ जायेंगे
- आदर्श बागवानी किसान के बांध पर जाकर देखें सफल खेती के प्रयोग।
- फसलों में प्राकृतिक जीवन काल को महत्वपूर्ण मानना चाहिए।
- फसलें रोज रखें।
- कोई निर्णय लें और उसे उचित ठहराने का प्रयास करें।
- पर्यावरण संतुलित खेती करनी चाहिए।
- नकल मत करो.
- खेती भौगोलिक परिस्थितियों, भौगोलिक वातावरण एवं वर्षा के आधार पर की जानी चाहिए।
जल, भूमि और पर्यावरण के संतुलन में कृषि होनी चाहिए।
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एक आदर्श बागवानी किसान बनने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए……
- अगर गलती हो जाये तो उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।
- दूसरे व्यक्ति की राय पर विचार करें। अच्छे Agriculture consultants की सलाह लें!
- अच्छे कार्य की प्रशंसा करें।
- धन्यवाद देना न भूलें।
- हमें मैं के स्थान पर हम शब्द का प्रयोग करना चाहिए।
- हमेशा मुस्कुराता हुआ चेहरा रखें।
- दूसरों में अच्छे गुणों को पहचानें।
- किसी के व्यंग्य पर न हंसें।
- अपनी शक्ति और ताकत को पहचानें।
- शिकायत करने में समय बर्बाद मत करो।
- कार्य करने से पहले विचार करना चाहिए।
- असफलता को लोगों के कंधों पर न डालें।
- क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए।
- चयन कोई भी हो, सहयोग बनाये रखना चाहिए।
- हमेशा वैज्ञानिक बातों का पालन करें।
- खेती अच्छे से करनी चाहिए।
- परिणाम को गुणा करें और संकट को विभाजित करें।
- सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए।
- कार्य स्वयं जिम्मेदारी से करें। लापरवाही छोड़ें।
- नेताओं/नेतागिरी को नज़रअंदाज़ करके अपने काम पर ध्यान दें।
- सुबह (उज्ज्वल) और शाम (आलसी) के बीच के अंतर को पहचाने।
- समूह बनाकर एक साथ खेती करने का प्रयास करे।
- प्रक्रिया उद्योग क्षेत्र में कार्य करने का प्रयास करना चाहिए।
उपर दिये गये सभी बातो का अगर किसान ध्यान रखे और अपने रोज मरा के जीवन मे अगर प्रयोग मे लाये तो सभी किसान भाईयो को आदर्श बागवानी किसान बनने से कोई नही रोक सकता. इन्ही तरिको से बागवानी किसान अपना और अपने घर परिवार का जीवन मान सुधार कर उसे उंचा कर सकता है और अपने क्षेत्र का वह आदर्श बागवानी किसान बन सकता है
धन्यवाद…!
लेख संकलन
जितेंद्र पां राजपूत शिरपूर, महाराष्ट्र
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